१५ मार्च २०१४, रंगों का त्योहार होली के अवसर पर इसकी पूर्व संध्या में 'नेपाल हिन्दी साहित्य परिषद्, वीरगंज' द्वारा स्थानीय अतिथि सदन के सभागार में
'हास्य कवि सम्मेलन' का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम
की अध्यक्षता परिषद् के अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश सिकरिया ने की जबकि प्रमुख अतिथि के
रूप में साहित्यप्रेमी श्री अशोक वैद्य मंचासीन थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपमहावाणिज्य
दूत श्री जसवंत सिंह एवं कन्सुल द्वय श्री पी. डी. देशपाण्डे तथा एस. एम. अख्तर एवं
के. सी. टी. सी.
महाविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं डा. हरीन्द्र
प्रसाद हिमकर मंच पर उपस्थित थे। आमंत्रित कवियों में चोंच गयावी, गोपाल अश्क, इन्द्रदेव कुँवर अभियन्ता, शहजाद गुलरेज, डा. लटपट ब्रजेश,
रितेश त्रिपाठी, आसनारायण प्रसाद आदि कवियों ने
अपने गीत, गजल एवं व्यंग्यात्मक कविताओं से उपस्थित जन समुदाय
का भरपूर मनोरंजन किया। इस आयोजन में नव हस्ताक्षर के रूप में कुमारी विजेता ने उत्कृष्ट
कविता का वाचन किया। इस कवि सम्मेलन में शब्दों की बाजीगरी देखी गयी , शब्दों से ही फागुन के रंग उड़े, हास्य
की फुलझडियाँ छूटीं और व्यंग्य तीर चले । राजनीति और समाज के विभिन्न पहलुओं पर हास्य और व्यंग्य मण्डित रचनाओं
के द्वारा कवियों ने श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया । सम्पूर्ण कार्यकंम का संचालन
कुमार सच्चिदानन्द सिंह ने किया । 'हिमालिनी की प्रबन्ध निदेशक
श्रीमती कविता दास ने भी इस कार्यक्रम में अपनी सहभागिता दी । 'नेपाल हिन्दी साहित्य परिषद' का यह एक सफल आयोजन था जिसमें
भाषायी पूर्वाग्रह से मुक्त होकर श्रोताओं ने हिन्दी कविता का रसास्वादन किया । सभा
के अन्त में डा.शिवशंकर यादव ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
Wednesday, March 26, 2014
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