Sunday, March 31, 2013

नेपाल राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन भव्यतापूर्वक सम्पन्न

काठमांडू, चैत ५ । बारहवाँ नेपाल राष्ट्रिय हिन्दी सम्मेलन मार्च १६१७ को नेपाल हिन्दी प्रतिष्ठान, जनकपुरके आयोजना में एवं नेपाल सरकार संस्कृति मन्त्रालय तथा नेपालभारत वीपी कोइराला प्रतिष्ठान के संयुक्त सहयोग में अनेक कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न हुआ । उद्घाटन समारोह में प्रमुख अतिथि पूर्वसभामुख दमननाथ ढुंगाना ने हिन्दी को समुचित मान्यता मिलनी चाहिए कहा तो विशिष्ट अतिथि महामहिम भारतीय राजदूत जयन्त प्रसाद ने वसुधैव कुटुम्बकम्का स्मरण करते हुए, हिन्दी और नेपाली दोनों संस्कृत से निकली भाषाओं को सगी बहन बताते हुए कहाहिन्दी के विकास और मान्यता के लिए सम्बन्धित सभी पक्षों को अनुरोध किया । क्योंकि दोनों देशों की धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक साम्यता सदियों पुरानी है । इसे और प्रगाढ़ बनाने की जरुरत है । 

उद्घाटन समारोह में नेपाल में हिन्दी के विकास हेतु अथक प्रयास करनेवाले स्व. डा. कृष्णचन्द्र मिश्र की तस्वीर, स्व काशीप्रसाद श्रीवास्तव और स्व रघुनाथप्रसाद गुप्ता के तस्वीर पर माल्यापर्ण करते हुए श्रद्धांजली प्रदान की गई । सम्पूर्ण देश को जोड़नेवाली हिन्दी भाषा को सरकारी कामों में नेपाली के समकक्ष मान्यता दिए जाने एवं विद्यालय स्तर से लेकर उच्चतम स्तर के पठनपठान की व्यवस्था होनी चाहिएइसी उद्देश्य से संचालित सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकारसाहित्यकार राजेश्वर नेपाली ने की थी । उद्घाटन समारोह मे पुर्व मन्त्री बिमलेन्द्र निधि, पुर्व मन्त्री राजेन्द्र महतो, पुर्व मन्त्री सुरिता शाह, था कई अन्य वक्ताओं ने हिन्दी के विकास पर पनी अपनी धारणायें रखी ।

समारोह में देश कें १७ विभिन्न विद्वानो, कलाकार संगीतकार को उनकी हिन्दी सेवा का उच्च मूल्यांकन करते हुए सम्मानित किया गया । दो विशेष विद्वान श्री शिवशंकर यादव तथा श्री राजेश्वर ठकुर को २५-२५ हजार रुपये का राजर्षी जनक पुरस्कारप्रादान किया गया ।  दूसरे दिवस में अपरान्ह तक विद्वानों ने अपनेअपने कार्यपत्र प्रस्तुत किए । जिनपर टिप्पणीकर्ताओं ने टिप्पणी करते हुए अपनेअपने सुझाव दिए ।

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